Rampur: एक ही पल में लखपति बन गया बंदर, कैसे जानकार हो जायेंगे हैरान

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घंटों मशक्कत के बाद बंदर के पास से किसी तरह से नोटों से भरा बैग लेने में कामयाबी मिली। मामला उत्तर प्रदेश के रामपुर के शाहबाद का है।

उत्तर प्रदेश/रामपुर(साजिद खान): बंदरों की हरकतों से हम सब ही अच्छी तरह वाक़िफ़ हैं। उसकी शरारत से किसका वास्ता नहीं पड़ा होगा। कभी फल छीनकर ले जाना, कभी चश्मा लेकर भाग जाना। लेकिन यूपी के रामपुर में एक ढीठ बंदर बैग से एक लाख रूपये ही लेकर भाग गया।

अगर आप रुपया पैसा लेकर रामपुर के शाहबाद में रजिस्ट्री कराने जा रहे हैं तो चोर उचक्कों के इलावा कोई और भी है जिससे आपको सावधान रहने की ज़रूरत है, क्यूंकि शाहबाद तहसील भवन क्षेत्र के अंदर रहने वाले बंदर अक्सर ही रुपये भरे बेग ले उड़ते है। इन बंदरों के चलते लोगों में दहशत है।

रामपुर की शाहबाद तहसील में एक बंदर एक ही झटके में लखपति बन गया। रजिस्ट्री ऑफिस में बैनामा कराने आए व्यक्ति की मोटर सायकिल से एक बंदर एक लाख रुपये से भरा बेग लेकर भाग गया। जिससे तहसील में हंगामा मच गया। शोर-शराबा सुनकर मौके पर लोग इकट्ठा हुए जिन्हें पेड़ पर चढ़े बंदर से पैसे वापस लेने के लिए काफी मशक़्क़त करना पड़ी।

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आपको बतादें कि मंगलवार को मोहल्ला ज़िलेदारन के रहने वाले अबरार पुत्र शराफत हुसैन जो वर्तमान में दिल्ली में रहते हैं, तहसील में बैनामा कराने के लिए आए थे। बैनामे के एक लाख रुपये उनकी मोटरसाइकिल के बैग में रखे हुए थे।

अबरार अपनी मोटरसाइकिल खड़ी कर वकील के बिस्तर पर जा कर बैठे और बेनामें की बाबत हिसाब किताब लगवाना शुरू किया, इतने में एक बंदर आया और बैग में रखे एक लाख निकालकर भाग गया।

माजरा देख अबरार के होश उड़ गए शोर सुनकर तहसील में मौजूद वकील व ग्रामीण मौके पर इकट्ठा हो गए। बंदर का पीछा किया गया तब कहीं जाकर बड़ी मशक्कत के बाद अबरार को एक लाख रुपये वापस मिले।

गौरतलब है कि शाहाबाद में बंदरों का आतंक चरम सीमा पर है। तहसील के अलावा भी नगर व ग्रामीण क्षेत्रों में आए दिन बंदरों के द्वारा घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है।

इसको लेकर अब प्रशासन के भी कान खड़े हो गए हैं और अधिकारी भी अब इन बंदरों के आतंक से नगर व ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को सुरक्षित रखने के लिए बंदरो को पकड़वा कर जंगल मे छुड़वाने की बात कर रहे हैं।

इस विषय पर उप जिलाधिकारी शाहबाद अनिल कुमार ने बताया, “यहां पर बंदरो का प्रकोप ज्यादा देखने को मिल रहा है तो बंदरों की संख्या कम करने के लिए किसी प्रोफेशनल को पता लगा कर बुलाया जाएगा और कुछ बंदरों को पकड़वा करके सेफ सुरक्षित तरीके से किसी जंगल में भेज कर उनकी संख्या कम की जाएगी और संभावना है कि हम पूरे सहसील लेवल पर यह कर पाएं लेकिन जो भी यहाँ तहसील में स्थान है तहसील है और नगर पंचायत का एरिया है यही दो तीन जगह पहले कम करने का प्रयास करेंगे और फिर पूरे तहसील क्षेत्र में कम कराने के लिए प्रधानों से बैठक करके निर्णय लिया जाएगा।

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