रूस और यूक्रेन के टकराव के चलते दुनिया पर तीसरे विश्वयुद्ध के खतरे के क़यास लगाए जा रहे हैं। इसका आग़ाज़ भी लगभग शुरू ही हो चुका है। लेकिन ऐसे में यूक्रेन में अपनी मेडिकल की पढ़ाई कर रहे उन भारतीय छात्रों की चिंता भी जरूरी है। यूक्रेन में फंसे छात्रों के परिजन परेशान हैं और उनकी नींदें उडी हुई हैं।
उत्तर प्रदेश के जनपद रामपुर(Rampur) के कैमरी क्षेत्र के किसान राजेंद्र प्रसाद शर्मा का इकलौता पुत्र संजय दत्त शर्मा मेडिकल की पढ़ाई के लिए वर्ष 2019 को यूक्रेन गया था। वह गत वर्ष अपने घर पर छुट्टियां बिताने आया था और फिर अगस्त में वापस यूक्रेन चला गया।
रूस और यूक्रेन के बीच भीषण जंग
लेकिन अब रूस और यूक्रेन के बीच भीषण जंग जारी है। ऐसे में संजय दत्त भी जान बचाकर वहां पर अपने कुछ भारतीय साथियों के साथ छिपा हुआ है। रूस के मिसाइल बारूद बरसा रहे हैं और इससे जुड़ी खबरें लगातार टीवी स्क्रीन पर फ़्लैश हो रही हैं।
सरकार से छात्रों की सलामती के साथ वापसी की गुहार
ऐसे में छात्र के परिजन भी अपने लाडले की चिंता में गुमसुम नजर आ रहे हैं। यहां तक की पिता की आंखों से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। वह लगातार भारत सरकार से अपने पुत्र के अलावा वहां फंसे भारतीय छात्रों की सही सलामती के साथ वापसी की गुहार लगा रहे हैं।
माता संतोष शर्मा के मुताबिक उससे बात हुई थी 3:00 बजे वह बता रहे थे कि मम्मी हम ठीक हैं, सही हालात हैं,आप घबराओ मत हम जल्द आएंगे। 1 तारीख को फ्लाइट हैं और वो कैंसिल हो गए हैं। इसलिए 1 तारीख को हमारी फ्लाइट है तो हो सकता है कि मोदी जी चलवाएंगे हमारे लिए। बस हमारा यही अनुरोध है कि बच्चा वापस हमारे घर आ जाए।
पिता राजेंद्र प्रसाद शर्मा के मुताबिक मेरे बेटे का नाम संजय दत्त शर्मा हैं। 2019 से बच्चा गया हुआ था यूक्रेन में 2 साल बाद जून की छुट्टी में आया था। अगस्त 10 तारीख 2021 को चला गया वहां से एमबीबीएस कर रहा है हालात वहां की स्थिति नाजुक है एयरपोर्ट पर बम धमाके हो रहे हैं, इसलिए वहां बच्चों पर बहुत दहशत है।
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