VVPAT पर्चियों की गिनती की मांग वाली याचिका पर SC ने केंद्र और ECI से जवाब मांगा, कांग्रेस ने कहा-काफ़ी महत्वपूर्ण क़दम

Date:

न्यायमूर्ति बीआर गवई की अगुवाई वाली पीठ ने याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायण की दलीलें सुनने के बाद भारत के चुनाव आयोग और भारत संघ से जवाब मांगा है।

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव से पहले सुप्रीम कोर्ट ने वीवीपैट(VVPAT) को लेकर महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सभी ईवीएम वोटों का वीवीपैट से मिलान करने और वीवीपैट पर्चियों को मतपेटी में जमा करने की याचिका पर नोटिस जारी किया है।

न्यायमूर्ति बीआर गवई की अगुवाई वाली पीठ ने याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायण की दलीलें सुनने के बाद भारत के चुनाव आयोग और भारत संघ से जवाब मांगा।

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि वीवीपैट को लेकर सुप्रीम कोर्ट का यह नोटिस पहला और काफ़ी महत्वपूर्ण कदम है। लेकिन इसकी सार्थकता के लिए, चुनाव शुरू होने से पहले ही मामले पर निर्णय लिया जाना चाहिए।   

जयराम रमेश ने एक्स(X) पर लिखा, “VVPAT के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने आज चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है। चुनाव आयोग ने INDIA गठबंधन के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल से मिलने से इंकार कर दिया है। हमारी मांग थी कि ईवीएम में जनता का विश्वास बढ़ाने और चुनावी प्रक्रिया की पवित्रता सुनिश्चित करने के लिए VVPAT पर्चियों के 100 % मिलान किए जाएं।“

 उन्होंने कहा, “इस संबंध में यह नोटिस पहला और काफ़ी महत्वपूर्ण कदम है। लेकिन इसकी सार्थकता के लिए, चुनाव शुरू होने से पहले ही मामले पर निर्णय लिया जाना चाहिए।

अधिवक्ता नेहा राठी के माध्यम से दायर याचिका में चुनाव आयोग के दिशानिर्देश को चुनौती दी गई है जिसमें कहा गया है कि वीवीपैट सत्यापन क्रमिक रूप से किया जाएगा, यानी एक के बाद एक, और कहा गया कि इससे अनुचित देरी होती है।

ईटीवी के अनुसार याचिका में कहा गया है कि ईसीआई एक साथ 50 वीवीपैट से पेपर पर्चियों की गिनती करने के लिए 3 टीमों में 150 अधिकारियों को आसानी से तैनात कर सकता है और प्रत्येक वीवीपैट की क्रमिक (एक-एक करके) गिनती के विपरीत 5 घंटे में गिनती पूरी कर सकता है। जबकि ईसीआई की अपनी दलीलों के अनुसार, इसमें 250 घंटे यानी लगभग 11-12 दिन लगेंगे।

ou can give Your Zakat here
Advertisement

याचिका में कहा गया है कि ‘वीवीपैट की सभी पेपर पर्चियों की गिनती न करने का कोई प्रशंसनीय कारण नहीं है, जबकि गिनती के दिन कुछ ही घंटों के भीतर यह काम किया जा सकता है। एन. चंद्रबाबू नायडू बनाम भारत संघ मामले में 50% भौतिक गणना का विरोध करते समय चुनाव आयोग द्वारा दिया गया एकमात्र कारण यह था कि इसमें समय लगता है. 50% वोटों की गिनती में 6-8 दिन लगेंगे।’

याचिका में कहा गया है कि सभी वीवीपैट पर्चियों का क्रॉस-सत्यापन और गिनती लोकतंत्र के हित और इस सिद्धांत के लिए आवश्यक है कि चुनाव न केवल स्वतंत्र और निष्पक्ष होने चाहिए, बल्कि स्वतंत्र दिखना भी चाहिए।

क्या है VVPAT?

वीवीपैट मशीन ईवीएम के साथ कनेक्ट की जाती है। इससे मतदाता ये जान सकते हैं कि उन्होंने जिस प्रत्याशी के नाम के आगे ईवीएम पर बटन दबाया है क्या वो सही है। यानी वोटर अपने वोट को कंफर्म कर सकते हैं। वीवीपैट मशीन से एक पर्ची निकलती है, जिस पर प्रत्याशी का नाम और चुनाव चिह्न छपा होता है। इससे पता चल जाता है कि आपने जो बटन दबाया, वोट उसी को गया या नहीं।

बता दें कि विपक्षी दलों ने हर वोटर के लिए वीवीपैट से पर्ची निकालने की वकालत की है। क्योंकि उन्हें ईवीएम पर भरोसा नहीं है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Visual Stories

Popular

More like this
Related

ईद मिलन: वर्क संस्था ने रंगोली मंडप में आयोजित किया ईद मिलन कार्यक्रम

रामपुर(रिज़वान ख़ान): हर साल की तरह इस बार भी...

बरेली: सेमी फाइनल में पहुंचे डीपीएस और मिशन एकेडमी

बरेली(गुलरेज़ ख़ान): एसआरएमएस ट्रस्ट की ओर से आयोजित...

बरेली: दंगाई हाथ जोड़ रहे हैं, पूरा प्रदेश दंगा मुक्त हो चुका है, यूपी में अब सब चंगा है- सीएम योगी

बरेली/बहेड़ी(गुलरेज़): पीलीभीत लोकसभा की सीट के भाजपा प्रत्याशी जितिन...