शहरी क्षेत्र में 24 घंटा और गांव देहात में 20 घंटे बिजली आपूर्ति के चाहें कितने भी दावे सरकार क्यों ना करे लेकिन उत्तर प्रदेश की जमीनी हकीकत कुछ और ही है।
इसका नजारा देखने को मिला रामपुर के तहसील मुख्यालय शाहबाद में जहां जनता जनार्दन की समस्याओं का निपटारा करने के लिए सरकारी अमला समाधान दिवस के अंतर्गत इकट्ठा हुआ था लेकिन विद्युत आपूर्ति नदारद थी।
ऐसे में एसडीएम शाहबाद बिना बिजली के अंधेरे में ही लोगों की समस्याएं और शिकायतें मोबाइल की लाइट जला कर पढ़ने को मजबूर हो गए।
इस नजारे को देखकर भली भांति समझा जा सकता है कि अंधेरे में डूबा प्रशासन जब अपनी समस्या का समाधान नहीं कर पा रहा तो जनता की समस्याओं का समाधान कैसे कर सकेगा, खासकर जब के जनता जनार्दन की आने वाली शिकायतों में ज्यादातर बिजली विभाग को लेकर ही होती हैं।
जनपद रामपुर की शाहबाद तहसील सभागार में शनिवार को समाधान दिवस का आयोजन किया गया था। यहाँ एसडीम सभी की शिकायतें सुन रहे थे। शिकायतकर्ता भी अपनी अपनी शिकायतें लेकर उनके सामने प्रस्तुत हो रहे थे। तभी एक शिकायती प्रार्थना पत्र को पढ़ते समय अचानक से लाइट चली गई जिसके बाद एसडीएम को टॉर्च की रोशनी से ही काम चला कर शिकायतें सुननी भी पड़ी और पढ़नी भी पड़ीं।
समाधान दिवस के समापन के बाद जब मीडिया ने अंधाधुन विद्युत कटौती को लेकर सवाल किया तो एसडीएम ने कैमरे पर इस मामले में सफाई देने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी है।
एसडीएम शाहबाद अशोक कुमार के मुताबिक विद्युत व्यवस्था यहां थोड़ी प्रभावित रहती है और जो हमारा जनरेटर है वह आज खराब हो गया है…चलते-चलते अचानक खराब हो गया। इसलिए अंधेरे में तहसील दिवस, विद्युत विभाग के लोगों को बता दिया गया है कि आपकी विद्युत आपूर्ति ठीक नहीं है इसको ठीक करिए।