सोशल मीडिया आज एक ऐसा ज़रिया बन गया है जिसके इस्तेमाल से हम अपने विचार दुनिया के साथ साझा कर सकते हैं। इसी का इस्तमाल करके महिलाओं ने अपने उत्पीड़न के ख़िलाफ़ एक अभियान चलाया जिसको मी टू (#MeToo) नाम दिया गया। देखते ही देखते #MeToo अभियान ने एक बड़े आंदोलन का रूप ले लिया। यह अभियान दुनिया में इतनी तेज़ी से फ़ैल रहा है कि नेताओं से लेकर अभिनेता तक कोई भी वर्ग ऐसा नहीं है जो इसके दायरे में नहीं आया हो।
अब इस मी टू (#MeToo) अभियान ने अब अरब जगत में भी दस्तक देदी है। मध्य पूर्व के सबसे महत्वपूर्ण देशों में से एक कुवैत से इसकी शुरुआत हो चुकी है।
कुवैत की एक फैशन ब्लॉगर ने फरवरी की शुरुआत में अपने यौन उत्पीड़न का एक वीडियो साझा किया था जिसके बाद वहां मी टू (#Mee Too) की शुरुआत हो गयी।
कुवैत में बड़े पैमाने पर मी टू (#Mee Too) अभियान ने न केवल खाड़ी देश बल्कि अन्य अरब देशों को भी हिला दिया है और कहा जा रहा कि ये अभियान अन्य मध्य पूर्वी देशों में भी शुरू किया जाएगा।
न्यूज़ एजेंसी Agence France-Presse (AFP) के मुताबिक़, कुवैत में ‘मी टू टू कैंपेन’ तब शुरू हुआ जब अमेरिकी मूल के कुवैती फैशन और ब्यूटी ब्लॉगर असिया (Ascia) अल फराज ने पिछले सप्ताह इंस्टाग्राम पर एक छोटा वीडियो साझा किया।
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असिया अल-फराज ने 5 फरवरी को ढाई मिनट के वीडियो में कुवैत में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के मुद्दे पर खुलकर बात की।
असिया ने अंग्रेजी में साझा किए गए एक वीडियो में आरोप लगाया कि वह और अन्य महिलाएं कुवैत की हर सड़क पर यौन, मौखिक और शारीरिक रूप से परेशान हैं।
उन्होंने यौन उत्पीड़न पर महिलाओं की चुप्पी पर भी सवाल उठाया और कहा कि उनके साथ हुए अन्याय के बारे में बात करने में कोई शर्म नहीं है और अब घटनाओं को प्रकाश में लाने का समय आ गया है।
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