बड़ा सवाल यह है कि मुश्किल से 2 जून की रोटी कमाने वाले लोग आखिर कैसे दंगे में हुए नुकसान की भरपाई कर पाएंगे।
Globaltoday.in|सऊद खान|रामपुर
एनआरसी(NRC) और सीएए(CAA) को लेकर जारी विरोध प्रदर्शन में बीते 21 दिसंबर को रामपुर(Rampur)में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच में टकराव हो गया था जिसके बाद गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी, आगजनी की और जमकर हंगामा किया, जिसमें चार मोटरसाइकिल और एक पुलिस की जीप जला दी गई थी। इस नुकसान की भरपाई के लिए प्रशासन ने 28 लोगों को नोटिस जारी करके हर्जाना वसूली की कार्रवाई शुरू की है।
सरकार और प्रशासन जिन लोगों से दंगे में हुए नुकसान की भरपाई करना चाहती है उनमें रिक्शा चलाने वाले, रेडी चलाने वाले और पतंग बना कर मेहनत मजदूरी करने वाले शामिल हैं। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि मुश्किल से 2 जून की रोटी कमाने वाले लोग आखिर कैसे दंगे में हुए नुकसान की भरपाई कर पाएंगे।
रामपुर में उपद्रव के आरोपी महमूद(Mehmood) की पत्नी शबनम(Shabnam) की माने तो पुलिस उसके पति को उपद्रव के एक दिन बाद 22 दिसंबर को उसके घर से उठाकर ले गई थी। घर चलाने के लिए उसका पति ठेली चलाकर, मजदूरी करके अपना गुजार-बसर करते थे। महिला ने बताया कि पुलिस वाले उसके पड़ोस में किसी के दरवाजे पर दस्तक दे रहे थे। आवाज़ सुनकर उसका पति बाहर पहुंचा तो पुलिस उसे भी पकड़ कर अपने साथ ले गई। महिला के अनुसार 21 दिसंबर को हुए उपद्रव में उसका पति महमूद शामिल नहीं हुआ था और पूरा दिन घर पर ही था। महिला की माने तो वह अपने पति महमूद की रिहाई के लिए पुलिस के आला अधिकारियों से भी मिली, जिन्होंने उसी इंसाफ करने का आश्वासन दिया है।
वहीं इस दंगे के दूसरे आरोपी के पिता नईम की माने तो उन्हें जो नोटिस मिला है वह रकम की वसूली का नोटिस है और रामपुर में उपद्रव के बाद उनके दिलों में इतनी दहशत हो गई है कि वह अपना घर छोड़कर दूसरी जगह रह रहे हैं। पुलिस ने उनके बेटे को तो गिरफ्तार कर जेल भेज ही दिया है, कहीं उन्हें भी गिरफ्तार न कर लिया जाए, इस डर से वह अपने घर भी नहीं जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि अपने बेटे को छुड़ाने के लिए उन्होंने जिलाधिकारी से भी बात की, जिन्होंने उसे छोड़ने का आश्वासन भी दिया था।
प्रशासन द्वारा सरकारी और प्राइवेट संपत्ति को पहुंचाई गई क्षति के संबंध में तीसरा नोटिस मिलने वाले शख्स आलम(Alam) की माने तो रामपुर में हुए बवाल वाले दिन उसका भाई मोहम्मद आबिद पूरे दिन घर पर ही रहा था, दोनों भाई पतंग बनाने का काम करते हैं। आलम के अनुसार शाम को जब आबिद वापस घर लौट रहा था तो उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
आलम(Alam) के अनुसार बलवे वाले दिन उसका भाई उस उग्र भीड़ में भी नहीं गया था जिन्होंने बवाल किया। उसने कहा अगर वह कैमरे की फुटेज या किसी फोटो में आ गए हो तो उसे प्रशासन जो चाहे सजा दे लेकिन वह बेकसूर है। आगे बताते हुए आलम की आंखें छलक आयीं, उसने कहा मां रोजाना उसके भाई के बारे में पता करती हैं तो वह उन्हें रोज़ दिलासा देकर चुप कराता है। वहीं उसने बताया वसूली के नोटिस की रकम उनकी आमदनी से बहुत ज्यादा है जिसे वह भरने में असमर्थ हैं। फिलहाल उसने बताया उसे अधिकारियों द्वारा इंसाफ दिलाए जाने का आश्वासन दिया गया है।
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