रामपुर में मुस्लिमों ने खेली फूलों की होली

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“मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना, हिंदी हैं हम वतन है हिंदुस्तान हमारा।” अल्लामा इकबाल के इस शेर का एक-एक अल्फाज़ हिंदुस्तानियों के बीच आपसी भाईचारे को दर्शाता है। इसी भाईचारे की मिसाल देखने को मिली रामपुर के अंबेडकर पार्क में जहां पर प्रतिवर्ष की तरह इस बार भी हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोगों ने आपस में मिलजुल कर पहले तो फूलों की होली खेली और फिर आपस में एक दूसरे को रंग गुलाल लगाया।

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जनपद रामपुर में भी भारत के अन्य स्थानों की तरह ही होली का पावन पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। लोग गिले शिकवे भुला कर एक दूसरे को गले लगाते हैं, गुलाल उड़ाते हैं, गुजिया खिलाते हैं।

वर्षों से चली आ रही परम्परा

यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है और इसकी एक और मिसाल भी प्रतिवर्ष होली से 2 या 3 दिन पहले भी देखने को मिलती है। जहां पर हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोग आपस में मिलजुल कर फूलों की होली खेलते हैं और एक दूसरे को गुलाल लगाते हैं।

राष्ट्रीय मुस्लिम मंच ने किया आयोजन

इसी तरह आज अंबेडकर पार्क स्वदेशी जागरण मंच के संयोजक फरहत अली खान की अगुवाई में दर्जनों हिंदू और मुस्लिमों ने पहले तो एक दूसरे के ऊपर फूल उड़ाये फिर उसके बाद रंग और गुलाल लगाया। हिंदू मुस्लिम के बीच कायम भाईचारा लोगों में आकर्षण का केंद्र बना रहा। फूलों की होली में पुरुषों के साथ ही महिलाओं ने भी हिस्सा लिया।

मुईष चंद्र शर्मा के मुताबिक यह कार्यक्रम अनेक वर्षों से राष्ट्रीय मुस्लिम महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष फरहत अली के नेतृत्व में होता आया है और हम सब इसके गवाह बने हैं।

राष्ट्रीय मुस्लिम महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष फरहत अली खान के मुताबिक रामपुर की सर जमीन यह गवाह है इस बात कि मुनीश शर्मा, सोहेल, ऋषभ रस्तोगी सब लोग मिलकर के होली मनाते हैं।

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