अब आज़म खान के चहेतों पर कसता क़ानून का शिकंजा, रिटायर्ड सीओ आले हसन से एसआईटी ने घंटों की पूछताछ

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Globaltoday.in | सऊद खान | रामपुर

सपा सांसद आजम खान(Azam Khan) के क़रीबी माने जाने वाले पूर्व सीओ आले हसन(Ale Hasan) को मंगलवार, 9 मार्च को रामपुर के महिला थाने पहुंचे।

गौरतलब है कि सपा शासनकाल में आजम खान(Azam Khan) के मंत्री रहते आले हसन रामपुर के क्षेत्राधिकारी थे. आले हसन पर आरोप है कि उन्होंने सपा नेता आजम खान के लिए जौहर यूनिवर्सिटी(Jauhar University) में किसानों की जमीन लेने के लिए अनैतिक दबाव बनाया था और आजम खान को फायदा पहुंचाने की नियत से कई किसानों को झूठे मुकदमों में फंसा कर जेल भेजा था।

क्या है मामला?

भाजपा सरकार आने पर पीड़ित किसानों ने सपा नेता आजम खान और आले हसन को आरोपित करते हुए लगभग 26 मुकदमे दर्ज कराए हैं. यह मुकदमे अलग-अलग 26 किसानों द्वारा दर्ज कराए गए हैं.

इसके अलावा प्रशासन द्वारा किसानों की जमीन के मामले में एक मुकदमा भी दर्ज कराया गया है, साथ ही इस मामले में संबंधित थाना प्रभारी कुशल वीर का भी नाम सामने आया है.फिलहाल सपा सांसद आजम खान अपनी पत्नी और बेटे के साथ अभी सीतापुर जेल में हैं.

किसानों के प्रकरण में लंबे समय से पुलिस के हाथ ना आने वाले आरोपी पूर्व सीओ आले हसन और तत्कालीन थाना प्रभारी कुशल वीर मंगलवार को उक्त किसानों के दर्ज मामलों में बयान दर्ज कराने एसआईटी के समक्ष पहुंचे। एसआईटी टीम ने रामपुर के महिला थाने में दोनों से पूछताछ की और विभिन्न मामलों में विवेचना कर रहे विवेचकों ने उनसे जवाब तलब किये।
वहीं मीडिया के सामने आते हुए आले हसन ने कहा हम डिसिप्लिन फोर्स हैं, हम किसी पर कमेंट नहीं कर सकते, स्ट्रगल कर रहे हैं और जीत सच्चाई की होगी।

जीत स्ट्रगल करने के बाद सच्चाई की होती है

रिटायर्ड क्षेत्राधिकारी आले हसन ने अपने ऊपर लगे आरोपों पर सफाई देते हुए कहा, ‘हमारे ऊपर मुकदमा लिखा दिया था कि हमने 14 साल पहले यूनिवर्सिटी के लिए लोगों की जबरदस्ती जमीन दिलवा दी. हमारा कहना था जब 14 वर्ष पूर्व हमने जमीन दिलवाई थी तो हमारे खिलाफ शिकायत पहले क्यों नहीं की गयीं. बीच में हालात बदले गवर्नमेंट बदली तो आपने शिकायत क्यों नहीं की… क्योंकि हम डिसिप्लिन फोर्स हैं इसलिए किसी पर कोई कमेंट तो नहीं कर सकते, स्ट्रगल कर रहे हैं और जीत स्ट्रगल करने के बाद सच्चाई की होती है।

आले हसन ने बताया आज 27 मामले में उनसे पूछताछ की गई. सिविल लाइन से मुताबिक जो मामला था उच्च न्यायालय ने हमसे कहा था कि आप 9 तारीख को जाएं और अपना बयान दर्ज कराएं उसके बाद जो निर्णय हाईकोर्ट से मिलेगा तो आएंगे।

उन्होंने बताया जौहर यूनिवर्सिटी की जमीन को लेकर 27 मामलों में हाई कोर्ट से स्टे है. बाकी कुछ मामलों में उन्होंने एंटीसिपेटरी बेल ले ली है। उन्होंने कहा मेरे साथ ज़्यादती हुई है. मेरे खिलाफ, मेरी पत्नी के खिलाफ, मेरे बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ. मैं राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया गया था. मैंने पत्र के माध्यम से उन्हें सूचित किया और कहा मेरे परिवार को तो बर्बाद ना किया जाए। उन्होंने कहा मेरे नाम कोई जमीन तो है नहीं जो जमीन है वह यूनिवर्सिटी के नाम है, तो लगाए गए सभी आरोप गलत हैं।

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