रामपुर: ज़िंदा महिला को मृत घोषित कर ज़मीनों के अभिलेखों में की हेरा फेरी 

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उत्तर प्रदेश में काश्तकारी की ज़मीनों के लेखा-जोखे के मामलो में लेखपाल और कानून गो को बहुत जानकार माना जाता है लेकिन अगर किसी जिंदा महिला को मृत दर्शा कर जमीनी दस्तावेज में खेल कर दिया जाए तो यह जरूर हैरत की बात होगी। कुछ इसी तरह का एक मामला जनपद रामपुर में देखने को मिला है जिस पर एसडीएम ने एक्शन लेते हुए आरोपी लेखपाल और कानूनगो के विरुद्ध कार्यवाही शुरू कर दी गई है।


जनपद रामपुर के शाहबाद तहसील क्षेत्र के अंतर्गत गांव भरतपुर निवासी मोहनदेई की थोड़ी सी खेती किसानी की जमीन है। इस ज़मीन पर लेखपाल और कानूनगो ने खेल कर डाला और उन्हें मृत दर्शा कर उनकी जमीन अभिलेखों में तीन अन्य व्यक्तियों के नाम दर्ज कर दी।

14 महीने पहले लेखपाल और कानूनगो के इस खेल के बारे में जब हाल ही में पीड़ित महिला को पता चला तो उसके पैरों तले से जमीन खिसक गई।

पीड़िता ने एसडीएम अशोक चौधरी से मामले की शिकायत की, जिसके बाद तहसील प्रशासन में हड़कंप मच गया। घटना की जांच की गई तो महिल की शिकायत सही पाई गई।

घटना में लेखपाल और कानूनगो की भूमिका संदिग्ध पाते हुए उन पर कानूनी कार्यवाही के आदेश दिए गए हैं। बहरहाल सही समय पर इस मामले की पोल पट्टी खुल गई। अन्यथा दोनों लापरवाह कर्मियों की कार्यशैली ने पीड़िता मोहनदेई का खेल बिगाड़ ही दिया था।

एसडीएम अशोक चौधरी के मुताबिक तहसील शाहबाद में एक ग्राम है भरतपुर उसमें मोहन देई नाम की 2 महिलाएं हैं एक महिला जिंदा है और दूसरी मर चुकी है। लेखपाल ने, जो जिंदा है उसकी जमीन पर प-क/11 कर दिया। यह प-क/11 का आदेश 16/1/2021 को, परसों 28 तारीख को मैं अपने कार्यालय में बैठा हुआ था तो महिला मेरे सामने पेश हुई। उसको बहुत विस्तार से सुना और सुनने के बाद मुझको लगा कि यह महिला बिल्कुल जेन्यून है, सही बात कह रही है। मैंने तहसीलदार साहब को बुलाया और मैंने कहा आज ही जांच हो कर के अगर इनकी बात सही है तो इनको तुरंत न्याय हो जाना चाहिए तहसील साहब बेचारे लगे और पूरा का पूरा उन्होंने जांच पड़ताल करके पूरी सर्जरी कर दिया कि सच क्या है और यह बात बिलकुल सही है कि उस महिला का कहना सत्य था वह जिंदा है।

पीड़िता मोहनदेई के मुताबिक जमीन मृतक लिखवा दिए दूसरे के नाम करा दिए हमारी जमीन हमारे बेटे के नाम आती ये जो जगह बन रही है हमारे घर के सामने उसमें देख लिया हमने तब पता चला फिर एप्लीकेशन लगाया हमने हमारी जमीन हमारे नाम आ जाए लेखपाल ने हमसे कुछ भी नहीं कहीं और हमने जाकर कहा कि मैं जिंदा हूं मरी हुई को जिंदा लिखवा दिया अब जिंदा हूं मैं।

पीड़िता का पुत्र गंगा दयाल के मुताबिक मामला यह है कि मेरी मां का नाम मोहनदेई है उनके नाम थोड़ी 21 डिसिमल में जमीन थी और वह जमीन अब से 1 साल पहले लेखपाल ने मेरी मां को मृतक करके दूसरे अन्य जाति 3 लोगों के नाम जोड़ दिया थे हमें एक साल बाद पता चला तो हमने शिकायत दर्ज करें एसडीएम साहब के यहां हमने कहा साहब हमारी मां को मृतक दिखा दिया है और हमारी मां जीवित है मौके पर तैनात किया गया मां को फिर हमने एप्लीकेशन दी एसडीएम साहब को मां ने यह कहा कि मैं जिंदा बैठी हूं और मुझे मृतक लिखवा दिया है लेखपाल ने कार्यवाही का भी पता नहीं हुआ है या नहीं हमने अभी देखा नहीं है कार्यवाही होना चाहिए लेखपाल पर, वो बालकराम पुत्र रामस्वरूप और कल्लू पुत्र रामस्वरूप, वीरेंद्र पुत्र राम स्वरूप एक औरत थी उसके नाम कोई जमीन नहीं थी और अब से 12 साल पहले वह गुजर चुकी थी मां को ले जाकर के एसडीएम साहब के पास पेश किया गया फिर एसडीएम साहब ने कहा कि आप की जमीन आपके पास वापस आ जाएगी और इन दोनों पर केस लगा लूंगा मैंने कहा था एसडीएम साहब से की इस पर केस लगना चाहिए वह बोले कि आप की जमीन आपके पास आ जाएगी और के समय से नहीं लगा सकते एसडीम साहब ने यह कहा था अब हम यही चाहते हैं कि आगे ऐसा किसी और अन्य  के साथ ना हो इस पर केस होना चाहिए।

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