रामपुर: बेटा हो तो ऐसा, लिवर देकर बचा ली पिता की ज़िन्दगी

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Globaltoday.in | तासीन फ़ैय्याज़ खान | रामपुर

Highlights

  • रामपुर के हसनात अली खान ने पेश की मिसाल
  • एक बेटा जिसने लिवर देकर अपने पिता को दिया नया जीवन
  • दुनिया के सभी बेटों के प्रति जागरुगता पैदा की

उत्तर प्रदेश के जनपद रामपुर के विज़ारत अली खान लम्बे समय से लिवर की बीमारी से पीड़ित थे। सन 2015 में लिवर डैमेज होने के कारण डॉक्टर ने उन्हें जीवित रहने के लिए ट्रांसप्लांट ही अंतिम विकल्प बताया।

पिता को बचाने के लिए विज़ारत खान का बेटा हसनात आगे आया और उसने अपना 60 पर्सेंट लिवर पिता को देने का फैसला किया। सन 2015 में गुरुग्राम के मेदांता हॉस्पिटल में हसनात का लिवर उसके पिता को प्रत्यरोपित किया गया।

ट्रांसप्लांट को पाँच साल पूर्ण होने के उपलक्ष में मेदांता हॉस्पिटल लिवर ट्रैन्स्प्लैंट डिपार्टमेंट के डॉयरेक्टर पद्मश्री डॉक्टर अरविंदर सिंह सोइन (Arvinder Singh Soin) ने बधाई देते हुए ट्वीट किया जिसको बड़े बड़े जर्नलिस्ट ने जैसे राघव बहल और संजय पुगलिया ने रेट्वीट कर हौसला हफ़ज़ाइ करते हुए हर बेटे को ऐसा गौरवशाली काम करने की प्रेरणा हसनात से लेनी चाहिए जैसा एक संदेश देश को दिया।

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