पूर्व सांसद फ़िल्म अभिनेत्री जयाप्रदा के खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी होने के बाद भी कोर्ट में पेश न होने पर कोर्ट ने जारी किया 82 का आदेश।
उत्तर प्रदेश/रामपुर(रिज़वान ख़ान): फिल्म अभिनेत्री पूर्व सांसद जयाप्रदा के खिलाफ आचार संहिता के दो अलग-अलग मामलों में एमपी- एमएलए मजिस्ट्रेट ट्रायल कोर्ट ने कई बार एनबीब्ल्यू जारी करने के बाद भी पेश न होने पर 82 का आदेश जारी किया है। आज भी जयाप्रदा का ग़ैर हाज़िर रहना महंगा पड़ गया।
फिम अभिनेत्री और पूर्व सांसद जयाप्रदा (Jaya Prada) की मुश्किलें अब बढ़ गई हैं। रामपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने उनके खिलाफ धारा 82 की कार्यवाही करने का आदेश दिया है।
दरअसल आज मंगलवार को जयाप्रदा को अदालत में पेश होने की तारीख थी। लेकिन हमेशा की तरह वह आज भी ग़ैर हाज़िर रहीं। इसपर अदालत ने कहा कि जयाप्रदा के खिलाफ धारा 82 की कार्यवाही की जाए। अब तक जयाप्रदा के खिलाफ सात बार गैर जमानती वारंट जारी हो चुके हैं लेकिन जयाप्रदा हर बार पेशी पर अदालत नहीं पहुंची हैं।
वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी अमरनाथ तिवारी ने बताया कि विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट रामपुर के न्यायालय में जयाप्रदा के खिलाफ 2019 का चुनाव आचार संहिता का मामला थाना केमरी और थाना स्वार में पंजीकृत हुआ था। धारा 171 जिआरपीसी जिसमें पिछली तिथियां पर न्यायालय एमपी एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट के न्यायाधीश शोभित बंसल द्वारा अभियुक्ता श्रीमती जयप्रदा नाहटा द्वारा कोर्ट में उपस्थित न होने के कारण एन बीब्ल्यू जारी किया जा रहा था, जिसकी आज भी तारीख थी जो आज भी कोर्ट में उपस्थित नहीं थीं। थाने की जो रिपोर्ट आई थी उसमें निरीक्षक रणजी त्रिवेदी ने यह रिपोर्ट भेजी थी कि अभियुक्त अपने आप को बचा रही हैं, उनके मोबाइल स्विच ऑफ आ रहे हैं जिस पर धरा 82 की मांग की गई थी। न्यायालय द्वारा अभियुक्ता जयाप्रदा के विरुद्ध धारा 82 सीआरपीसी की कार्यवाही करते हुए आदेश किया गया है और अगली तारीख 6 .3.24 की नियत की गई है। न्यायालय की सीजीएम फर्स्ट एमपी एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश शोभित बंसल के द्वारा पुलिस अधीक्षक को आदेश जारी किया है कि जयाप्रदा नाहटा की हाज़िरी सुनिश्चित करने के लिए किसी क्षेत्राधिकारी की टीम की नियुक्ति करते हुए 6 मार्च को कोर्ट में उपस्थित कराएं क्योंकि जयप्रदा का जो पता है आत्मसमर्पण के समय का वह गैर राज्य का है हैदराबाद का है, इसलिए क्षेत्राधिकार के अधीन टीम नियुक्त करते हुए पेश करने के लिए कहा गया है। बताया कि 82 की कार्यवाही उद्घोषणा की होती है जब अभियुक्ता और अभियुक्त उपस्थित नहीं होते हैं तो हाजिरी सुनिश्चित कराए जाने के लिए न्यायालय के द्वारा उद्घोषणा की कार्यवाही की जाती है और फरार घोषित किया जाता है।
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